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CBSE ने इस आरोप में 20 स्कूलों पर लिया कड़ा एक्शन, 17 की मान्यता रद्द- 3 को किया डाउन ग्रेड

नेशनल डेस्क। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने डमी छात्रों और अयोग्य उम्मीदवारों को दाखिला देने के आरोप में 20 विद्यालयों की मान्यता रद्द कर दी है, जिनमें पांच दिल्ली के विद्यालय शामिल हैं। यह जानकारी बोर्ड के सचिव हिमांशु गुप्ता ने शुक्रवार को दी। बोर्ड ने तीन विद्यालयों के ग्रेड का स्तर भी कम कर दिया है। गुप्ता ने कहा, ‘‘यह पता लगाने के लिए कि क्या सीबीएसई स्कूल संबद्धता और परीक्षा उपनियमों में निहित प्रावधानों और मानदंडों के अनुसार चल रहे हैं, देशभर के सीबीएसई विद्यालयों में किए गए एक औचक निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कुछ स्कूल डमी विद्यार्थियों और अयोग्य उम्मीदवारों को अपने यहां दाखिले के लिए विभिन्न प्रकार के कदाचार कर रहे थे और रिकॉर्ड को दुरुस्त नहीं किया गया था।” उन्होंने कहा, ‘‘गहन जांच के बाद 20 विद्यालयों की मान्यता रद्द करने और तीन का ग्रेड कम करने का निर्णय लिया गया है।”

असंबद्ध विद्यालयों में से पांच दिल्ली में, तीन उत्तर प्रदेश में, दो-दो केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में तथा एक-एक जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, असम और मध्य प्रदेश में हैं। ‘डाउनग्रेड’ किए गए विद्यालयों में दिल्ली, पंजाब और असम के विद्यालय शामिल हैं। असंबद्ध किये गये विद्यालयों में दिल्ली के सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल, भारत माता सरस्वती बाल मंदिर, नेशनल पब्लिक स्कूल, चांद राम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल और मैरीगोल्ड पब्लिक स्कूल, जबकि उत्तर प्रदेश के लॉयल पब्लिक स्कूल (बुलंदशहर), ट्रिनिटी वर्ल्ड स्कूल (गौतम बौद्ध नगर), क्रिसेंट कॉन्वेंट स्कूल (गाजीपुर) शामिल हैं। इनमें राजस्थान के सीकर स्थित प्रिंस यूसीएच माध्यमिक विद्यालय और जोधपुर स्थित ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल भी शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ के रायपुर में द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल और विकॉन स्कूल, महाराष्ट्र में राहुल इंटरनेशनल स्कूल (ठाणे) और पायनियर पब्लिक स्कूल (पुणे), केरल में पीवीज़ पब्लिक स्कूल (मलप्पुरम) और मदर टेरेसा मेमोरियल सेंट्रल स्कूल (तिरुवनंतपुरम), असम के गुवाहाटी में साई आरएनएस अकादमी, मध्य प्रदेश में सरदार पटेल पब्लिक स्कूल (भोपाल), जम्मू-कश्मीर में करतार पब्लिक स्कूल (कठुआ) और उत्तराखंड में ज्ञान आइंस्टीन इंटरनेशनल स्कूल (देहरादून) भी सूची में हैं। ग्रेड कम किये गये विद्यालयों में दिल्ली का विवेकानंद स्कूल, पंजाब के बठिंडा का श्री दशमेश सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल और असम के बारपेटा में श्रीराम अकादमी शामिल हैं।

इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले करोड़ों छात्र डमी स्कूलों में प्रवेश लेना पसंद करते हैं, ताकि वे पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। वे कक्षाओं में नहीं जाते हैं और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो जाते हैं। हाल ही में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा कि डमी विद्यालयों के मुद्दे को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रधान ने कहा था, ‘‘हालांकि ऐसे छात्रों की संख्या कुल छात्रों की संख्या की तुलना में बहुत अधिक नहीं है…लेकिन समय आ गया है कि इस विषय पर गंभीर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाए।”

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