विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने केन्द्रीय बजट से मिलेगी मदद

रायपुर। केंद्र सरकार का आम बजट जनहितकारी है। यह सभी वर्गों के कल्याण के लिए बनाया गया है, इससे विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने की दिशा में काम करने में मदद मिलेगी। यह बात केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित बजट संवाद कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कही।

उन्होंने अपने संबोधन में विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने वाले सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा नेतृत्व में हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने में जरुर सफल होंगे।

केंद्रीय मंत्री डॉ मांडविया ने कहा कि बजट सरकार की कार्यशैली का प्रतिबिंब होता है। इस बजट से जनहितकारी तथा समावेशी विकास का लक्ष्य साकार होते दिखता है। उन्होंने देश के किसान, युवा, गरीब और महिला वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए क्रियान्वित की जा रही कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी और कहा कि इन वर्गों के विकास से ही हमारा देश विश्व पटल में अग्रणी देश के रूप में उभर कर सामने आएगा।

डॉ. मांडविया ने केंद्रीय बजट संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय बजट की कई प्रमुख खूबियों को प्रकाश में लाया। उन्होंने बजट को विकासात्मक और समावेशी बताया। उन्होंने कहा कि बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े निवेश की बात की गई है। इसके अलावा, बजट में छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन, टैक्स में राहत, और समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणाएं भी की गई हैं। यह बजट सरकार की समग्र विकास की दिशा और आर्थिक सुधारों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

डॉ. मनसुख मांडविया ने केंद्रीय बजट के बारे में बताते हुए कहा कि केंद्र की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों के विकास के सरोकारों को लेकर कार्य कर रही है, जिसके अंतर्गत बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास, नए अस्पतालों और क्लिनिकों की स्थापना, और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए विशेष राशि आबंटित की गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए भी फंडिंग बढ़ाई गई है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए बजट में कई योजनाएं प्रस्तुत की गई हैं। इनमें नए स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना, शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था, और डिजिटल शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को सुलभ बनाने के प्रयास शामिल हैं।

डॉ मांडविया ने कहा कि बजट में सड़क, रेलवे और एयरपोर्ट जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की गई है। इससे यातायात की सुविधा बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और कृषि सुधारों पर बजट में दिए गए जोर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बजट में सिंचाई परियोजनाओं, कृषि यांत्रिकीकरण, और ग्रामीण रोजगार योजनाओं के लिए खास तौर पर धन आवंटित किया गया है।

मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि डिजिटल वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनाई गई हैं। इसमें डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूत करना और गरीब वर्गों के लिए वित्तीय सेवाओं की पहुंच को आसान बनाना शामिल है।

इसी तरह बजट में वित्तीय प्रबंधन को सुधारने और टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसमें टैक्स में छूट और कर नियमों में सुधार शामिल हैं ताकि करदाताओं को राहत मिले और व्यवस्था अधिक पारदर्शी हो सके। उन्होंने बताया कि इन सभी सुधारों से सरकार की आर्थिक विकास की दिशा और प्राथमिकता स्पष्ट होती है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, खेल मंत्री टंकराम वर्मा, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू, किरण सिंह देव, इंद्र कुमार साहू, सुशांत शुक्ला एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा व्यापरिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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