CG में ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली छूट 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत की गई

रायपुर। छत्तीसगढ़ के उच्चदाब स्टील उद्योगों को 4 वर्ष पहले अचानक खपत आधारित ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली छूट 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गई थी, जिससे इन उद्योगों को एकदम से 68 प्रतिशत का लाभ मिलने लगा था। वर्तमान में, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अज्ञात कारणों से आश्चर्यजनक रूप से अचानक बढ़ाई गई छूट को ही न्यायोचित रूप से कम किया गया है।

इससे उच्चदाब स्टील उद्योगों को मिलने वाला अतिरिक्त फायदा कम हो गया है जिसको लेकर वे गैर-वाजिब दबाव बना रहे हैं। पूर्व में वर्ष 2024-22 में टैरिफ आदेश जारी करते समय लोड फैक्टर छूट, अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था। इस तरह विगत माह छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत्त नियामक आयोग द्वारा की गई तार्किक कार्यवाही के बावजूद लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट (पॉवर फैक्टर इन्सेन्टिव) को 25 प्रतिशत से घटा कर 40 प्रतिशत किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024-22 में जो अधिकतम छूट 8 प्रतिशत मिल रही थी उसकी तुलना में भी 2 प्रतिशत अधिक छूट इन उद्योगों को अभी मिल रही है जिससे किसी भी तरह से अनुचित नहीं कहा जा सकता।

4 वर्ष पूर्व छूट की दर 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के कारण इन उद्योगों को मिलने वाली औसतन वार्षिक छूट लगभग 300 करोड़ रूपये से बढ़कर लगभग 4400 करोड़ रूपये हो गई थी। इस तरह, इन उद्योगों को लगभग 750 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष का अतिरिक्त लाभ दिया गया था। इस राशि की बंदरबाट में किसको क्‍या लाभ हुआ होगा, इस विषय में संबंधित क्षेत्रों में तरह-तरह की चर्चा चल रही है। उच्चदाब स्टील उद्योगों की न्यायोचित भलाई का ध्यान वर्तमान समय में हुए पुनरीक्षण में नियामक आयोग द्वारा रखे जाने का उदाहरण भी सामने है। उल्लेखनीय है कि नियामक आयोग द्वारा पुनरीक्षित विद्युत्त दरों में व्यवसायिक उपभोग हेतु उपभोक्ताओं को प्रदाय की जाने वाली बिजली की दर 5.40 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि उच्चदाब स्टील उद्योगों को प्रदाय की जाने वाली बिजली की दर मात्र 4.40 प्रतिशत ही बढ़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *