बिलासपुर। छग हाईकोर्ट ने पदोन्नति से वंचित पुलिस विभाग के एक सूबेदार को राहत दी है। मुंगेली के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ सूबेदार संजय कुमार सूर्यवंशी को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का दंड दिया था। यह दंड एक आरक्षक के साथ गाली गलौज करने और उससे मालिश कराने की शिकायत पर दिया गया था। आरक्षक ने प्रताडऩा की वजह से अपने कलाई की नस काट ली थी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय से सूबेदार की निरीक्षक पद पर पदोन्नति की एक सूची जारी हुई जिसमें पहले स्थान पर याचिकाकर्ता संजय कुमार सूर्यवंशी का नाम था। पुलिस महानिदेशक ने उसकी पदोन्नति को दंड मिलने के कारण निरस्त कर दिया।
इसके विरुद्ध अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहर के माध्यम से सूबेदार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस विनिमयन की धारा 221 के तहत पुलिस अधीक्षक को शक्ति नहीं है कि वह वेतन वृद्धि को असंचयी प्रभाव से रोक दे। आईजी ने इस संबंध में आवेदन देने के बाद भी एसपी के पुराने आदेश को बरकरार रखा था। इसके अलावा दंड आरोपित करने के पूर्व छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेज वर्गीकरण और अपील नियम 1966 की धारा 14 और उप धारा 3 से 23 तक का पालन नहीं किया गया।
जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद पदोन्नति सूची से नाम हटाने के पुलिस महानिदेशक के आदेश को रद्द कर दिया।