बीजापुर। यह एक ऐसा मामला है जिसमें बीजापुर के उसूर ब्लॉक के आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षक, और अन्य कर्मचारियों से निरीक्षण के नाम पर रिश्वतखोरी की गई। मंडल संयोजक के खाते में रिश्वत की राशि ट्रांसफर की गई। हर महीने की उगाही से परेशान अधीक्षकों ने कलेक्टर को पत्र लिखकर प्रमाण भी दिए हैं। इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है। Bribery बीजापुर के उसूर ब्लॉक के 37 आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षक और अन्य कर्मचारियों ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मंडल संयोजक रामप्रसाद पर रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की है।
यह भी आरोप लगाया कि मंडल संयोजक निरीक्षण के दौरान अधीक्षकों और अन्य कर्मचारियों से बदसलूकी करते हैं। खास बात यह है कि मंडल संयोजकों के निरीक्षण प्रतिवेदन के बाद ही आश्रम-छात्रावासों को रोजमर्रा खर्चे के लिए राशि जारी होती है। उसूर में तो मंडल संयोजक पर आरोप है कि उन्होंने विद्यार्थियों की स्कालरशिप भी रूकवा दी है।
यही नहीं, मंडल संयोजक के दबाव में कई अधीक्षकों और कर्मचारियों ने राशि आन लाइन ट्रांसफर भी की है। शिकायतकर्ताओं ने बकायदा इसके प्रमाण भी दिए हैं। इसमें छात्रावास अधीक्षकों के अलावा भृत्य तक से वसूली की गई है।