रायपुर। मोदी सरकार ने एक नया फैसला किया है। जिसमे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक निर्देश जारी किया है। अब 2 साल से बच्चे से कम बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाई नहीं दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कफ सिरप मध्य प्रदेश में परीक्षण किए गए किसी भी सिरप के नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) या एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) नहीं था। इन दोनों तत्वों से किडनी को गंभीर नुकसान हो सकता है।स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) द्वारा जारी यह परामर्श मध्य प्रदेश में कथित तौर पर दूषित कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों की खबरों के बीच आई है।स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डीजीएचएस ने परामर्श में कहा कि आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप की सिफारिश नहीं की जाती है। इसमें कहा गया है कि वृद्ध लोगों के लिए, इनका उपयोग सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन, गहन निगरानी, उचित खुराक का कड़ाई से पालन आदि पर आधारित होना चाहिए।
2 साल से कम उम्र के बच्चों को कप सिरप देना हुआ प्रतिबंधित
