छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना का ग्राफ! हाईकोर्ट में अब बिना मास्क, सैनेटाइजर के प्रवेश नहीं

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की अदालतों में बिना मास्क व सैनिटाइजर के प्रवेश नहीं मिलेगा। प्रदेश में बढ़ते हुए कोरोना के केसों को देखते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन अदालत में अनिवार्य कर दिया गया है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिए हैं। जिसमें सभी पक्षकारों वकीलों कर्मचारियों अधिकारियों को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश में अचानक कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है दर्जन भर से अधिक एक्टिव मामले बीते दिनों कोरोना के प्रदेश में पाए गए हैं। कोरोना के चलते भिलाई में एक वृद्ध महिला की मौत भी हो गई। महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं थी। कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में अब तक वैज्ञानिक पता नहीं लगा पाए हैं। कोरोना से बचने के लिए सावधानी ही एक उपाय है जिसके चलते हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने निर्देश जारी किए हैं।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेश के तहत हाईकोर्ट के साथ ही जिला अदालतों में मास्क पहन कर आने सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश जारी किए गए है। यह आदेश सभी न्यायिक अधिकारियों कर्मचारी पक्षकारों व अदालतों में प्रवेश के इच्छुक सभी लोगों पर लागू होगा। रजिस्ट्रार जनरल के इस आदेश से अदालतों में एक बार फिर मास्क, सैनेटाइजर की वापसी हो गई है। इस आदेश के बाद कोर्ट परसों में आने वाले लोगों को बिना मांस के एंट्री नहीं मिलेगी।

कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने भी सिम्स के डीन डॉक्टर केके सहारे से भी जानकारी ली थी उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए शिवसेनानंद द्वारा की गई तैयारियों की रूपरेखा पूछी थी। डीन के द्वारा 10 बिस्तरों की व्यवस्था करने के जवाब पर चीफ जस्टिस ने जम कर नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने डीन को तैयारी बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे। ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एहतियातन गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मास्क पहनने की अनिवार्यता रख दी है।

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