रायपुर। चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कांग्रेस के 21 सितंबर के छत्तीसगढ़ बंद को समर्थन नहीं दिया है। चेंबर अध्यक्ष ने कहा है कि इतने अल्प समय में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है। प्राइवेट स्कूल एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि इस तरह के आंदोलन में बसें संचालित करने वाले स्कूल आमतौर पर बंद रहते हैं। लेकिन सुरक्षा को ध्यान में देखते हुए निजी स्कूल संचालक अपना निर्णय ले सकते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन ने बताया कि 21 सितम्बर को प्रस्तावित बंद को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का 19 सितंबर का पत्र 20 सितंबर को दोपहर 12 बजे चेंबर कार्यालय को प्राप्त हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कराए जा रहे बंद को समर्थन देने का आग्रह किया गया है। बंद का समर्थन करना केवल कार्यकारिणी का क्षेत्राधिकार है। इतने अल्प समय में प्राप्त सूचना में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है।
इसके अतिरिक्त चूंकि चेंबर से प्रदेश के छोटे-छोटे व्यापारी, रेहड़ी पटरी, एवं व्यापारिक संगठन जुड़े हुए हैं, जो फल-सब्जी, दूध और अन्य कच्चे सामान का व्यवसाय करते हैं। बिना पूर्व सूचना के आकस्मिक बंद से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इतने अल्प समय में बिना पूर्व सूचना अथवा व्यापारिक संघों की बैठक लिए बगैर ”छत्तीसगढ़ बंद” का समर्थन करने में चेंबर असमर्थ हैं।
प्राइवेट स्कूल एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि इस तरह के आंदोलन में बसें संचालित करने वाले स्कूल आम तौर पर बंद रहते हैं। कांग्रेस के बंद में समर्थन देने पर कहा कि सुरक्षा को ध्यान में देखते हुए निजी स्कूल संचालक अपना निर्णय ले सकते हैं।
बता दें कि कवर्धा जिले के बोडला विकासखण्ड अंतर्गत रेंगाखार थाना क्षेत्र के ग्राम लोहारीडीह में विगत दिनों हुई हत्या, आगजनी एवं पुलिस की बेरहम पिटाई से लगातार हुए तीन मौतों से पूरे प्रदेश में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई है। प्रदेश में बढ़ती गंभीर अराजकता तथा कवर्धा में पुलिस प्रताड़ना से हुई मौतों के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ ने 21 सितम्बर को सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक एकदिवसीय छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।