Chhattisgarh Election Result 2023 | Various exit polls made the heartbeats of Congress-BJP leaders faster.
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर आए विभिन्न एग्जिट पोल ने कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज कर दी हैं। एग्जिट पोल में भले ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही हो, लेकिन कुछ सीटों पर मुकाबला कांटे का ही बताया जा रहा है।
एग्जिट पोल ने दो से पांच सीटों पर निर्दलीय व तीसरे मोर्चे के प्रत्याशियों के जीतने की भी संभावना जताई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए 46 सीटें जीतनी होंगी। ऐसे में यदि कोई पार्टी दो-चार सीटों से चूकती है तो निर्दलीय व तीसरे मोर्चे से बनने वाले विधायकों पर नजर रहेगी। हालांकि प्रदेश का चुनावी इतिहास हमेशा कांग्रेस-भाजपा के बीच ही केंद्रित रहा है और तीसरी ताकतों ने सेंध लगाने के लिए प्रयास किए, लेकिन वे सफल नहीं हो पाईं।
पिछली बार विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 68 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, भाजपा को 15 सीट मिली थी। जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) को पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस भारी बहुमत में थी इसलिए तीसरे मोर्चे की जरूरत नहीं पड़ी। इस बार मामला कुछ अलग ही बनता दिख रहा है।
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार अगर दोनों ही दलों की सीट 45 या इसके आसपास तक पहुंची तो त्रिशंकु विधानसभा की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बार बस्तर में कांग्रेस के पूर्व नेता अरविंद नेताम की हमर राज पार्टी की पार्टी चुनावी मैदान में है ,जबकि प्रदेश के कुछ आइएएस अफसरों की ओर खड़ी की गई छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी भी मोर्चे पर है। इसके अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ), आम आदमी पार्टी (आप), बसपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) सहित लगभग 60 राजनीतिक दल मैदान में हैं।
कांग्रेस-भाजपा दोनों चिंतित –
कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दल के नेता भले ही जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं मगर पार्टियों को अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त की भी चिंता सता रही है। यही कारण है कि जीतने के बाद किसी भी जीते हुए प्रत्याशी को पार्टिंयां एक घंटे भी अकेले नहीं छोड़ना चाहेंगी।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस-भाजपा दोनों ने चार्टर्ड प्लेन बुक कर लिया है। कांग्रेस सभी प्रत्याशियों को जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद रायपुर के वीआइपी रोड स्थित एक होटल में ठहराने की योजना बना ली है। इसके बाद उन्हें बैंगलुरू ले जाया जा सकता है। जबकि भाजपा भी अपने विधायकों को दिल्ली ले जा सकती है। मतदाताओं के रूझान के अनुसार एग्जिट पोल से इतर कांग्रेस-भाजपा दाेनों पार्टियों का 35-35 सीटों पर आसानी से जीत का आकलन किया जा रहा है मगर 20 ऐसी सीटे हैं जिनमें कड़ा मुकाबला है।
महिलाओं की ज्यादा भागीदारी से पार्टियां उत्साहित –
प्रदेश की 90 में से 71 सीटों में इस बार मतदान बढ़ा है। इनमें 51 सीटें ऐसी हैं जहां महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत वर्ष 2018 की तुलना में बढ़ा है। इससे कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियां उत्साहित हैं और दावा है कि तीन दिसंबर काे मतगणना के बाद परिणाम उनके अनुकूल आएगा।
भाजपा का दावा है कि महतारी वंदन योजना में हर महीने एक हजार रुपये मिलने की योजना और 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर मिलने की योजना में महिलाएं अधिक मतदान की हैं। जबकि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस का दावा है कि किसानों की कर्ज माफी, महिला स्व सहायता समूहों की कर्ज माफी, हर वर्ग की महिलाओं को गैस सिलेंडर में 500 रुपये की सब्सिडी और गृह लक्ष्मी योजना में हर महिला को 15 हजार रुपये सालाना देने की घोषणा से महिलाओं का मत कांग्रेस के पक्ष में गए हैं।
बहुमत से बन रही है सरकार –
छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, पहली बात तो एग्जिट पोल के रूझान बता रहे हैं कि कांग्रेस की बहुमत से सरकार बन रही है। जहां तक तीसरे मोर्चों से संपर्क की बात है तो पार्टी पहले से ही सभी के साथ संपर्क में रहती है। तीन दिसंबर को क्या स्थिति बनती है, इसके बाद पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी।
अंडर करेंट से बनेगी भाजपा की सरकार –
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, भाजपा स्पष्ट बहुमत से सरकार बना रही है। एग्जिट पोल में जो आंकड़े दिख रहे हैं उनमें सर्वे के सैंपल कुछ वर्ग तक सीमित है। भाजपा ने महतारी वंदन योजना में महिलाओं को 12,000 रुपये सालाना और एकमुश्त किसानों को भुगतान, बकाया बोनस जैसी घोषणाएं की है। जिसे लेकर अंडर करेंट है। इससे सरकार बनेगी।