छत्तीसगढ़ : सभी कृषकों को मिलेगा कृषि भूमि पहचान पत्र

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने के लिए एग्रीस्टेक परियोजना संचालित की जा रही है। इसके तहत ग्राम का जियो रिफ्रेसिंग सर्वेक्षण नक्शा, राजस्व संबंधित अधिकार अभिलेख और डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम किया जा रहा है। पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत 20 जिलों में जियो रिफ्रेसिंग तकनीक से सर्वे कर नक्शा तैयार करने का काम चल रहा है। अब तक 10 हजार 243 गांवों में यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में एग्रीस्टेक परियोजना के तहत डिजिटल फसल सर्वेक्षण तीन जिलों में पूर्ण रूप किया जा रहा है तथा 16 जिलों की एक-एक तहसील में भी फसल सर्वेक्षण किया जा रहा है। आगामी दिनों में राज्य के सभी जिलों में डिजिटल फसल सर्वे का काम होगा।

इस परियोजना में कृषकों को पंजीयन किया जा रहा है। इसके माध्यम से कृषकों को केन्द्र और राज्य सरकार के योजनाओं का पारदर्शी ढंग से लाभ मिलेगा। मोबाइल एप के माध्यम से पंजीयन स्वयं किसान तथा युवा कर सकेंगे। इसके अलावा कॉमन सर्विस सेन्टर, वेबसाईट के माध्यम से पटवारी कर सकेंगे। कृषक पंजीयन के लिए कॉमन सर्विस सेन्टर में प्रत्येक ई-केवाईसी के लिए 15 रूपए की दर निर्धारित की गई है।

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