केन्द्र सरकार ने फसल बीमा की तिथि में की वृद्धि

केन्द्र सरकार द्वारा ऋणी किसानों के लिए खरीफ फसलों का बीमा कराए जाने की तिथि को 16 अगस्त से बढ़ाकर 25 अगस्त कर दिया गया है, जबकि अऋणी कृषकों के लिए फसलों का बीमा कराने की 16 अगस्त तक की निर्धारित तिथि यथावत रहेगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पर्वू में 31 जुलाई तक फसल बीमा कराएं की तिथि निर्धारित की गई थी। छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने ऋणी और अऋणी किसानों के बीमा कराने की तिथि 16 अगस्त तक कर दिया था। अब भारत सरकार ने ऋणी किसानों को और रियायत देते हुए फसल बीमा कराने की तिथि 25 अगस्त तक बढ़ा दी है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने के लिए राज्य के किसानों को फसल बीमा कराने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन देने तथा  पंजीयन कराने को कहा है, ताकि प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान होने पर उन्हें क्षतिपूर्ति मिल सके।

राज्य में कृषि विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2024 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीयन कराना जरूरी है। किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत धान सिंचित, असिंचित, सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, मूंग, उड़द, कोदो-कुटकी, रागी फसल का बीमा करा सकते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, जलप्लावन, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को होने वाले फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति होती है। योजना में ऋणी और अऋणी किसान, जो भू-धारक व बटाईदार हो, शामिल हो सकते हैं। ऐसे किसान जो अधिसूचित ग्राम में अधिसूचित फसल का बीमा करा सकते हैं, इसके लिए किसानों को अपना आधार कार्ड, ऋण पुस्तिका, बी-1 पॉचशाला खसरा, बैंक पासबुक की छायाप्रति एवं बोनी प्रमाण पत्र के साथ पंजीयन कराना होगा। बैंक अथवा चॉईस सेंटरों के माध्यम से भी फसल बीमा कराया जा सकता है।

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