भाजपा ने X पर किया पोस्ट, अन्याय का हाथ vs कमल का साथ

नई दिल्ली। भाजपा ने भारी बहुमतों के साथ जिस तरह से छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में जीत हासिल की है उसके अलावा भाजपा के प्रति भारत देश के सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों पर अपना भरोसा जताया है। भाजपा ने अपने X एप्लिकेशन में एक लोगों पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के नेताओं को अन्याय का हाथ बताया है और भाजपा के लोगों को कमल का साथ बताया है। भाजपा ने अपने विज्ञापन में स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस ने 70 सालों के राज में सिर्फ भारत में 20,000 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया था। जबकि भाजपा ने सिर्फ साढ़े 9 साल में 40 हज़ार किलोमीटर रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया है।

रेलवे ने लंबी दूरी के सफर को सुगम बनाने और पैसेंजर के लिए सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ बिजली की खपत को घटाने के लिए ट्रेन के डिब्बों में बड़ी संख्या में एलईडी लाइटें लगाई हैं. रेल मंत्रालय के मुताबिक 65 हजार डिब्बों में एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं। भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं ने इस लोकसभा चुनाव का आंकलन भी किया जिसमें उन्होंने पाया है कि देशभर की जनता कांग्रेस के झूठे नेताओं के किए अन्याय का हाथ नहीं पकड़ेगी बल्कि भारत की जनता मोदी की गारंटी वाले कमल का साथ देगी।

इस बदलाव से बिजली की खपत में काफी कमी आई है. रेल मंत्रालय का दावा है कि इससे सालाना 6.5 करोड़ किलोवॉट प्रति घंटा (Kwh) यूनिट बिजली की बचत होगी. कीमत के लिहाज से देखा जाए तो हर साल लगभग 40 करोड़ रुपये की बचत की जा सकेगी. इसके कारण पर्यावरण पर भी पॉजिटिव असर पड़ेगा. एनवायर्नमेंट में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) कम घुलेगी. मंत्रालय के मुताबिक इससे साल में 4920 टन CO2 का उत्सर्जन का कम होगा.

रेलवे ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ऑपरेशनल एफिशिएन्सी में लगातार सुधार जारी है. ट्रेन की स्पीड में वृद्धि और उसकी क्षमता में बढ़ोतरी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार सुधार किया जा रहा है. इसके लिए रेलवे ट्रैक का रिनुअल किया जा रहा है. रेलवे सेवा के मामले में भारत का दुनिया में चौथा स्थान है. 31 मार्च 2022 तक नेशनल रेलवे सिस्टम के लिए कुल रेल मार्ग की लंबाई 67,956 किमी है.मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें 50.6 किमी प्रति घंटे की औसत स्पीड से पटरियों पर चलती हैं. छोटे शहरों में 37.5 किमी प्रति घंटे की औसत स्पीड से EMU ट्रेनें चलाई जाती हैं. ज्यादातर पैसेंजर ट्रेन 33.5 किमी प्रति घंटा की औसत रफ्तार से चलती हैं. हालांकि इन ट्रेनों की अधिकतम स्पीड अलग-अलग होती हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक पर चलती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में रेलवे की इंलेक्ट्रिक और डीजल इंजनों के निर्माण कार्य के लिए लोकोमोटिव और कोच-प्रोडक्शन के लिए शाखाएं बनाई गई हैं. मार्च 2020 तक, रेलवे में 12.54 लाख कर्मचारी कार्यरत थे. यह दुनिया का आठवां सबसे बड़ा नौकरी देने वाला संस्था है. केन्द्र सरकार 2023-24 तक भारत के पूरे रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण करना चाहती है. सरकार चाहती है 2030 तक रेलवे जीरो कार्बन उत्सर्जन करने वाली संस्था बन जाए.

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