रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार में कोरबा जिले में डीएमएफ के पैसों का बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। ED की शिकायत पर EOW ने जो मामले दर्ज किया गया। जिसमें आज IAS रानू साहू समेत 10 नामजद लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। डीएमएफ में टेंडर के दौरान गड़बड़ी और 40% कमीशन लेने का आरोप है।
इस मामले में कारोबारी संजय शेंडे,अशोक अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, रिषभ सोनी समेत,मनोज द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी,पियूष साहू,अब्दुल,शेखर के खिलाफ 420,120B, 7,12 भस्ताचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है.
बता दें कि कोरबा कलेक्टर के पद पर रहते हुए आईएएस रानू साहू ने डीएमएफ फंड में हेराफेरी की है। इस आरोप के तहत ईडी ने जेल में बंद आईएएस रानू साहू से लंबी पूछताछ भी की है।
इस मामले में कोरबा और रायगढ़ के अन्य कलेक्टर भी जांच के घेरे में हैं। बता दें कि इस मामले में पूर्व में खनिज विभाग के अफसरों से भी पूछताछ की जा चुकी है।
इसमें कुछ पूर्व विधायक, रिटायर आईएएस समेत वर्तमान विधायकों के साथ 54 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है।
पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान आबकारी और कोल परिवहन केस के मामले में प्रतिवेदन भेजा था। इसके बाद ईडी ने महादेव सट्टा और डीएमएफ घोटाला की जांच के लिए प्रतिवेदन भेजा था।
इन चारो मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार और एसीबी-ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई में लेटलतीफी की और इसे टालकर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
इसके बाद हाईकोट में उक्त मामलों की जांच के लिए याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में सबसे ज्यादा हलचल हुई।हालांकि हाईकोर्ट में यह मामला विचाराधीन हैं।