भिलाई की ‘जया’ और रायपुर की ‘रक्षा’ ने बढ़ाई बाघों की जनसंख्या

मैत्री बाग में ‘जया’ की दहाड़, रायपुर जंगल सफारी में ‘रक्षा’ ने बढ़ाई बाघों की जनसंख्या

भिलाई के मैत्री बाग में बाघिन ‘जया’ की दहाड़ से अब तक सुनसान बाग अब जीवन्त हो गया है। वहीं, रायपुर जंगल सफारी में ‘रक्षा’ ने बाघों की जनसंख्या बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

‘जया’ की दहाड़:
मैत्री बाग की बाघिन ‘जया’ ने अपनी दहाड़ से न केवल बाग को जीवन्त किया है, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है। ‘जया’ की दहाड़ ने मैत्री बाग को एक नई पहचान दी है और यहां की जीवनशैली में नई जान फूंक दी है।

‘रक्षा’ का योगदान:
वहीं, रायपुर जंगल सफारी में ‘रक्षा’ ने बाघों की जनसंख्या बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘रक्षा’ के आगमन से जंगल सफारी में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे यहां की जैव विविधता में वृद्धि हुई है।

इन दोनों बाघिनों के आगमन से न केवल बाघों की जनसंख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि यह जीवन्तता और जैव विविधता को बढ़ावा देने में भी सहायक साबित हुए हैं।

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