महासमुंद। जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक के निर्देशन व महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी तथा जिला पंचायत सहायक परियोजना अधिकारी के मार्गदर्शन में एनआरएलएम के महिला समूह द्वारा पूरे जिले में बाल विवाह रोकथाम हेतु रंगोली, शपथ ग्रहण, नारा लेखन के माध्यम से जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, महिला स्व सहायता समूह के सक्रिय कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव में किशोरियों के साथ बैठक कर बाल विवाह की जानकारी देते हुए स्वयं एवं समाज में बाल विवाह पूर्णतः बंद करने की शपथ ले रहे है।
साथ ही रंगोली व नारा लेखन के माध्यम से भी गांव के लोगों को समाज में व्याप्त बुराई को मिटाने एवं विवाह की उम्र हो जाने पर ही विवाह करने हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यह अभियान निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा एवं छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त प्रदेश बनाने में आगे बढ़ाएगा। कानूनन रूप से विवाह की उम्र लड़कियों की 18 वर्ष एवं लड़कां का 21 वर्ष तय है जिसका सभी को अनुपालन करना है। निर्धारित उम्र में या उसके बाद ही विवाह करने हेतु शासन प्रशासन लगातार प्रयासरत है एवं इसके विरुद्ध जाने पर कार्यवाही का प्रावधान भी है।