कल बंद रहेंगे स्कूल समेत सभी सरकारी दफ्तर, स्थानीय अवकाश घोषित
बिलासपुर। जिला कलेक्टर अवनीश शरण ने 10 दिसंबर 2024 को स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस को सम्मानित करने के उद्देश्य से लिया गया है। यह दिन वीर नारायण सिंह के त्याग और संघर्ष को याद करने का अवसर प्रदान करता है।
बता दें कि इसके मद्देनजर कलेक्टर ने 1 नवंबर 2024 दिपावली के दूसरे दिन (गोवर्धन पूजा) को घोषित स्थानीय अवकाश को निरस्त करते हुए 10 दिसंबर 2024 शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस के दिन जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया है। इस आदेश के तहत स्कूल समेत सभी सरकारी दफ्तर और संस्थाएं बंद रहेगी।
शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। वे छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। 10 दिसंबर 1857 को रायपुर के जय स्तंभ चौक पर उन्हें फांसी दी गई थी। उनका संघर्ष और बलिदान आज भी छत्तीसगढ़ की जनता को प्रेरित करता है।
वीर नारायण सिंह ने आदिवासियों और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनकी भूमिका न केवल स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित रही, बल्कि उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए भी लड़ाई लड़ी। उनकी याद में नवा रायपुर में देश का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनाया गया है, जो उनकी महानता और छत्तीसगढ़वासियों के गौरव का प्रतीक है।
कलेक्टर द्वारा घोषित इस अवकाश को लेकर जनता में उत्साह देखा गया है। इसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और इतिहास को सम्मानित करने का एक अहम कदम माना जा रहा है। लोग इस दिन को खास तरीके से मनाने की योजना बना रहे हैं, जैसे कि शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धांजलि देना और उनके संघर्ष को याद करना।
इस बार दिसंबर महीना पांच रविवारों के साथ खास बन गया है।
1 दिसंबर: पहला रविवार
8 दिसंबर: दूसरा रविवार
15 दिसंबर: तीसरा रविवार
22 दिसंबर: चौथा रविवार
29 दिसंबर: पांचवां रविवार
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान
10 दिसंबर को स्थानीय अवकाश घोषित करना केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को सहेजने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है। इस तरह के कदम राज्य की गौरवशाली धरोहर को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का माध्यम बनते हैं।