भीषण गर्मी के बीच छत्तीसगढ़ में खुशी की लहर, पांच दिन पहले मानसून के बस्तर पहुंचने के आसार

रायपुर। अनुकूल परिस्थिति होने की वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस बार अपनी सामान्य तिथि से पांच दिन पहले बस्तर पहुंचने का अनुमान है। यूपी-बिहार के ऊपर बनी द्रोणिका की वजह से दक्षिण में बादल जमकर बरस रहे हैं, जिससे तेज गर्मी और ग्रीष्मलहर से राहत मिल गई है। पिछले दो दिन से तापमान में गिरावट आने की वजह से लू की परेशानी कम हो गई है। सोमवार को राज्य का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसकी वजह से ग्रीष्मलहर की संभावना नहीं बन पाई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून तटीय आंध्रप्रदेश तक पहुंच चुका है और लगातार सामान्य से अधिक गति से आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह से बस्तर में सामान्य तारीख 13 जून से पांच दिन पहले यानी 7-8 जून तक पहुंचने की संभावना है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि, अभी तीन चार दिनों तक गर्मी बढ़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि मध्य और उत्तरी इलाके में वर्षा की गतिविधि बनी रहने की संभावना है। अभी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर अलग-अलग चक्रवाती घेरा बना हुआ है, जिसके प्रभाव से यहां बस्तर के इलाकों में वर्षा की गतिविधि बनी हुई है। नवतपा खत्म, सामान्य से नीचे पारा नवतपा समाप्त होने के दूसरे दिन ही तापमान सामान्य से नीचे उतर गया। सोमवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 40.6, बिलासपुर का 41.6, पेंड्रा का 395, अंबिकापुर का 38.1, जगदलपुर 32.7, दुर्ग 41.2 तथा राजनांदगांव का पारा 42 डिग्री तक पहुंचा। अगले चौबीस घंटे में इसमें अधिक बदलाव होने की उम्मीद नहीं है।

इन इलाकों में बारिश

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चौबीस घंटे में भैरमगढ़ में 7. छिंदगढ़ में 4, पुसौर, रामानुजगंज, कोंटा, सुकमा, नारायणपुर, सारंगढ़ में 3 सेमी. रायगढ़, देवभोग, बगीचा, कुआंकोंडा 2 सेमी. तपकरा, कोंडागांव, कटेकल्याण, मनोरा में एक सेमी. तक बारिश हुई। सुकमा और अंधड़ का दौर चला और कोंटा ब्लाक में बिजली गिरने से 26 मवेशियों की मौत हो गई।

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