रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के विरोध में किए जा रहे बेहतर कार्य के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा की तारीफ की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा को धन्यवाद देता हूं कि नक्सल मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। बड़ी संख्या में नक्सली न्यूट्रालाइज किया गया। नए कैंप खुले। हिड्मा के गांव में जाकर डिप्टी सीएम ग्रामीणों को आधार कार्ड देता है तो यह सब देखकर दिल्ली में हमे सुकून मिलता है। प्रेसवार्ता के दौरान हिड्मा के गांव जाने के सवाल पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य के गृहमंत्री अगर मुझे लेकर जाएंगे तो मैं चला जाऊंगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सुकमा के छह गांवों में आजादी के बाद पहली बार आदिवासियों ने मतदान का इस्तेमाल किया है। आज सुरक्षा बलों के जवाब सुरक्षा मुहैया कराने के साथ साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी योगदान दे रहे हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि बस्तर में 1500 से ज़्यादा मोबाइल टावर लगाकर कनेक्टिविटी देने का काम किया है। सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। हर तीन किलोमीटर में एक डाकघर खोला गया है। बैंक, एटीएम जैसी सुविधाएँ पहली बार अंदरूनी इलाक़ों में पहुंचा है। कौशल विकास के लिए आईटीआई खोले गये हैं। 164 एकलव्य विद्यालय खोले गये हैं।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की वजह से जो लोग निरक्षर रह गये हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी।
बता दें कि 16 अगस्त को प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा कोंटा में नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पूवर्ती पहुंचे थे। यहां उन्होंने ग्रामीणों और जवानों से मुलाकात की। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई डिप्टी सीएम नक्सली कमांडर के गांव पहुंचे थे। इस दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सोयम दुरवा और उनके परिवार से भी मुलाकात की।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बाइक से इलाके का दौरा किया। डिप्टी सीएम ने ग्रामीणों से कहा कि उन्हें रोजगार मिलेगा, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी। गांवों में सड़कें बनेंगी तो एंबुलेंस सीधे घर तक पहुंच जाएगी। अस्पताल की सुविधा मिलेगी। इसके लिए इलाके में शांति चाहिए। आप लोगों का सहयोग चाहिए। पूर्वती गांव में गृहमंत्री अलग-अलग पारा गए। लोगों से मिले। नक्सल प्रभावित इलाके की जमीनी स्थिति जानी। कैंप में तैनात जवानों से बातचीत की थी। उनका हौसला बढ़ाया और पालनार में भी ग्रामीणों से मिले थे।