रायपुर। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मवादियों से पूछ लिया जाए की समर्पण की नीति में आप क्या चाहते हैं। इसके लिए कोशिश की गई की, जो लोग अंदर जाकर रिपोर्टिंग करके आते हैं। उनसे संपर्क हो सकता है। उनसे ही आग्रह किया गया कि एक बार उन्हें से पूछ ले की समर्पण की नीति में आप क्या चाहते हैं। जो रिपोर्टिंग करने जाते हैं उनके हाथों से ही ईमेल आईडी भेजवाया जाता ही। जिसमें गूगल फॉर्म और रिटर्न फॉर्म है। जो नक्सली चाहते हैं पुनर्वास, जिसको समर्पण करना है। वह स्वयं ही पुनर्वास की नीति में क्या चाहते हैं। इसके मध्यम से वो खुद बता सकते हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बंदूक रखकर जंगल में घूमने का क्या मतलब है। नक्सलियों के लिए ही नहीं बल्कि सबके लिए यह बात है। सुरक्षा बलों के लिए भी यह बात है कि उनको भी क्यों जरूरत पड़ेगी। मुख्य धारा में चलें, लोकतंत्र को अपने देश और समाज की उन्नति करें। उन्होंने चर्चा को लेकर कहा कि आज भी हमने उम्मीद है। आगे चलकर चर्चा होगी। पूरे बस्तर में खुशी का माहौल होगा। पूरा बस्तर उन्नति के मार्ग पर फिर से चलना शुरू होगा। यह मुझे विश्वास है।
नक्सली पुनर्वास नीति और नक्सल पीड़ित पुनर्वास नीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित पुनर्वास नीति अलग है। वह सब की जिम्मेदारी है। सरकार के साथ-साथ समाज भी कम करें। ऐसी कोशिश करेंगे। नक्सलियों के पुनर्वास की निर्णय सरकार को ही करनी होगी। उसके लिए हमने जा करके सभी लोगों से चर्चा कर जो अंदर जाते हैं रिपोर्टिंग करने उनको मेल आईडी दिया गया है। उसमें गूगल फॉर्म और रिटर्न फॉर्म भी है। नक्सली जो चाहते हैं पुनर्वास वह स्वयं ही पुनर्वास की नीति में क्या चाहते हैं वह वही बता सकते हैं।