कांकेर। कांकेर जिले में एक लाख के इनामी समेत 3 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर इन तीनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। परतापुर एरिया कमेटी एलोएस सदस्य पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।
उसने पुलिस अधीक्षक कांकेर आईके ऐलेसेला के सामने सरेंडर किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी गई है। सरेंडर नक्सलियों के नाम धन्नू पद्दा, रैसुराम नुरूटी और टुब्बा कोरेटी है। इनमें से धन्नू उत्तर बस्तर डिवीजन काकनार एलओएस का सदस्य था। वो मुरसुलनापा जिला नारायणपुर का रहने वाला है। उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसे साल 2019 परतापुर एरिया कमेटी कमांडर दर्शन पद्दा ने नक्सल संगठन में भर्ती किया था।
जिसके बाद वर्ष 2020 से मेढ़की एलओएस में सीएनएम सदस्य के रूप में इसने काम किया। धन्नू साल 2023 से काकनार एलओएस सदस्य के रूप में कार्यरत रहा। नक्सली धन्नू पद्दा 2023 में ग्राम कलपर और ग्राम बिनागुण्डा में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था।
दूसरा आत्मसमर्पित नक्सली रैसुराम नुरूटी हिदूर जनताना सरकार उपाध्यक्ष रहा है। ये ब्रेहबेड़ा का रहने वाला है। इसे साल 2002 में नक्सली कमांडर गैंदसिंह ने नक्सली संगठन में भर्ती कराया था। साल 2005 में इसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। रैसुराम नुरूटी साल 2008 में जेल से वापस आया और घर में रहकर नक्सली संगठन के लिए काम करता रहा।
इसे वर्ष 2022-23 में हिदूर जनताना सरकार का उपाध्यक्ष बनाया गया था। नक्सली रैसुराम नुरुटी साल 2023 में मेहरा और भुरका के बीच सड़क काटने, ग्राम भुरका के जिओ मोबाइल टावर और पीवी 94 के जिओ मोबाइल टावर में आगजनी की घटना में शामिल था। तीसरा सरेंडर नक्सली टुब्बा कोरेटी छोटेबेठिया जिला कांकेर का रहने वाला है। वो हिदूर जनताना सरकार का सदस्य रहा है। टुब्बा कोरेटी वर्ष 2009 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। वो 2009 में भुरभुसी जंगल मुठभेड़ और वर्ष 2018 में बेचाघाट आईईडी ब्लास्ट की घटना में शामिल था।