रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में हरिभूमि और आईएनएच मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की बुनियाद मानती है।जब से मैंने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली, मेरी प्राथमिकता रही कि विभाग को गहराई से समझते हुए उसमें सुधार की ठोस पहल की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 5000 नए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाएगी।
नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में लागू किया गया है, और हमारी सरकार ने इसे तत्परता से अपनाया है। छत्तीसगढ़ में अब 18 स्थानीय भाषाओं एवं बोलियों में प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्थानीय भाषाओं के संरक्षण को बल मिला है, बल्कि बच्चों की सीखने की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पीएम-श्री स्कूल योजना के अंतर्गत छात्रों को हाई-टेक सुविधाएँ मिल रही हैं। विद्यालय भवनों के रखरखाव हेतु ₹133 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। साथ ही, छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं।
2047 तक विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक “विकसित छत्तीसगढ़” के लिए एक विस्तृत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। डॉक्यूमेंट में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के विद्यालयों और महाविद्यालयों की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो तथा राज्य की जीएसडीपी में शिक्षा का योगदान सशक्त और प्रभावशाली बने।
उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री के द्वारा शिक्षकों को “उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान” से अलंकृत किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षकों में सुश्री के. शारदा, बी. आर. साहू, भरत किशोर यादव,डॉ. धनंजय पाण्डेय, बलदाऊ सिंह श्याम शामिल हैं।