रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश के 168 सहायक प्राध्यापकों के ग्रेड-पे के अनुदान के लिए एक माह के भीतर कमेटी बनाकर तीन माह के भीतर वेतनमान के भुगतान करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद याचिकाकर्ता सहायक प्रोफेसरों को बड़ी राहत मिली है।
प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ 168 सहायक प्रोफेसरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया था कि उनकी नियुक्ति वर्ष 2012 में हुई थी। उच्च शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार उन्हें अकादमिक ग्रेड-पे प्रदान किया जाना था, लेकिन याचिकाकर्ताओं को ग्रेड-पे नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर सहायक प्रोफेसरों ने अलग-अलग 17 याचिकाएं दायर की थी।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को आदेशित किया कि याचिकाकर्ताओं के मामले में यदि समिति का गठन नहीं किया गया है तो एक माह के भीतर कमेटी बनाएं। यह कमेटी ग्रेड-पे के लिए व्यक्तिगत रूप से याचिकाकताओं की पात्रता मानदंड का पता लगाएगा।
याचिकाकर्ताओं का सेवाकाल और शैक्षणिक अहर्ता ग्रेड-पे के अनुदान के लिए पात्र पाए जाते हैं तो उन्हे तय तारीख से भुगतान किया जाएगा जिस तारीख से वे पात्रता रखते हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेशित किया कि कार्यवाही तीन माह के भीतर पूर्ण कर ग्रेड-पे का निर्धारण किया जाए।