Chhattisgarh

International Women’s Day 2024 : बस्तर फाइटर्स की कमांडों सुनैना ने गर्भावस्था के 7वें महीने तक की जंगल गश्त

रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दंतेवाड़ा जिले के जावंगा पहुंचे। यहां उन्होंने डीआरजी, सीआरपीएफ और नारायणपुर के बस्तर फाईटर्स की सैनिक महिलाओं से संवाद किया। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री से बस्तर फाइटर्स की दल कमान्डर सुनैना पटेल ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने होम गार्ड के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी। वहां से लेकर अब तक उन्हें लगातार प्रशंसा और प्रोत्साहन मिला। एक कमांडों के रूप में उन्होंने अपनी गर्भावस्था के 7वें महीने तक जंगल गश्त की। उन्हें इसकी प्रशंसा केन्द्रीय मंत्री मती स्मृति इरानी से भी मिली। नक्सली मुठभेड़ में उनकी भूमिका के परिणाम स्वरूप उन्हें आउट ऑफ टर्न पदोन्नति भी मिली है।

मुख्यमंत्री साय ने आश्चर्य व्यक्त कर कहा कि आज बहुत ही भावुक करने वाला दिन है। बचपन में मुझसे एक बुजुर्ग पूछते थे कि क्या मैं अपने हाथ में एक ईट लेकर 9 महीने तक चल सकता हूं। मेरा जवाब था कि बिलकुल नहीं 9 महीना क्या शायद एक दिन भी मैं इतना बोझ लेकर नहीं चल सकता। तब मेरे बुजुर्ग बताते थे कि सोचों एक मां 9 महीना तक अपने पेट में एक बोझ लिए चलती रहती है और उसको यो बोझ भी नहीं मानती, उसको यो जीवन मानती है। इसीलिए मां को महान माना गया है। आपने अपनी गर्भावस्था के दौरान भी अपने व्यावसायिक कर्तव्य के लिए कठिन शारीरिक परिश्रम जारी रखा, जिसको लोग सामान्य समय में भी करने में आलस्य करते हैं। आज मैं कितनी ही मांओं की तस्वीर देखता हूं जो गर्भावस्था में भी कठिन नौकरी दिन-रात करती रहती हैं। आप लोगों का त्याग अतुलनीय है।

मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान दंतेश्वरी फाइटर्स की सैलेंद्री ने उन्हें बताया कि वह 33 साल की गृहिणी थी साथ ही दो बच्चों की मां भी है। उन्हें वर्दी के आकर्षण ने सुरक्षा बल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। दो बार उन्होंने प्रवेश परीक्षा दिलाई जिसमें वो असफल रही। अंततः सभी बाधाओं को पार करते हुए सफल होकर आज वो जॉब कर रही है, साथ ही अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है।

मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनकर आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि 33 वर्षीय सामान्य गृहणी साथ ही दो बच्चों की मां होने के बावजूद आपने पुलिस कॉन्सटेबल की फिजिकल परीक्षा को सरलता से क्वालिफाई किया, ये आसान बात नहीं है। उन्होंने कहा कि आप इस हॉल में बैठी इस स्कूल की बच्चियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। आपका जीवन अतुलनीय है। आप अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए फेल होने के बावजूद डटी रहीं और अंततः सफल हुईं। ये एक मां ही कर सकती है। मां तुझे सलाम।

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